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वरिष्ठ नागरिकों के लिए FD टैक्स: क्या सच में है पूरी छूट?

tax saving on fd to senior citizen
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भारत में वरिष्ठ नागरिक अपने सेवानिवृत्ति के बाद वित्तीय सुरक्षा के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) को एक लोकप्रिय निवेश विकल्प मानते हैं। यह एक सुरक्षित और निश्चित रिटर्न वाला निवेश है, जो मासिक या तिमाही आय का एक स्थिर स्रोत प्रदान करता है। हालांकि, कई वरिष्ठ नागरिकों को इस बात की पूरी जानकारी नहीं होती कि उनके FD पर मिलने वाले ब्याज पर कर लगता है या नहीं, और यदि लगता है तो क्या इससे बचने का कोई तरीका है।

यह लेख वरिष्ठ नागरिकों के फिक्स्ड डिपॉजिट पर कराधान के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत जानकारी प्रदान करेगा और कुछ ऐसे तरीकों पर भी प्रकाश डालेगा जिनसे कर का बोझ कम किया जा सकता है या उससे बचा जा सकता है।

क्या वरिष्ठ नागरिकों के फिक्स्ड डिपॉजिट पर कर लगता है?

हाँ, भारत में वरिष्ठ नागरिकों द्वारा फिक्स्ड डिपॉजिट से अर्जित ब्याज आय पर कर लगता है। यह आय “अन्य स्रोतों से आय” (Income from Other Sources) शीर्षक के तहत कर योग्य होती है। FD से मिलने वाला ब्याज आपकी कुल आय में जोड़ा जाता है और फिर आपकी लागू आयकर स्लैब दर के अनुसार उस पर कर लगाया जाता है।

टीडीएस (TDS) का प्रावधान:

बैंक आमतौर पर आपके फिक्स्ड डिपॉजिट पर अर्जित ब्याज पर स्रोत पर कर कटौती (Tax Deducted at Source – TDS) करते हैं। वर्तमान में, यदि एक वित्तीय वर्ष में किसी बैंक द्वारा आपके FD ब्याज से ₹50,000 से अधिक की आय होती है, तो उस पर 10% TDS काटा जाता है। यह सीमा सामान्य नागरिकों के लिए ₹40,000 है, लेकिन वरिष्ठ नागरिकों के लिए इसे ₹50,000 कर दिया गया है।

आयकर स्लैब और वरिष्ठ नागरिक:

भारत में वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष से 80 वर्ष के बीच) और अति-वरिष्ठ नागरिकों (80 वर्ष से अधिक) के लिए आयकर स्लैब में कुछ छूट प्रदान की गई है:

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह आयकर स्लैब मौजूदा कर कानूनों के अनुसार हैं और इनमें भविष्य में बदलाव हो सकते हैं।

FD ब्याज पर कर से छूट पाने या कम करने के तरीके:

अब जब हम यह समझ गए हैं कि FD ब्याज पर कर लगता है, तो आइए उन तरीकों पर गौर करें जिनसे वरिष्ठ नागरिक इस कर के बोझ को कम कर सकते हैं या उससे पूरी तरह बच सकते हैं:

  1. फॉर्म 15H जमा करना: यदि आपकी अनुमानित कुल आय कर योग्य सीमा से कम है (वरिष्ठ नागरिकों के लिए ₹3 लाख और अति-वरिष्ठ नागरिकों के लिए ₹5 लाख), तो आप बैंक में फॉर्म 15H जमा कर सकते हैं। यह फॉर्म बैंक को यह सूचित करता है कि आपकी आय कर योग्य नहीं है और इसलिए उन्हें आपके FD ब्याज पर TDS नहीं काटना चाहिए। यह फॉर्म हर वित्तीय वर्ष की शुरुआत में जमा करना होता है।
  2. कर-बचत फिक्स्ड डिपॉजिट (Tax-Saving FD): वरिष्ठ नागरिक कर-बचत फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश कर सकते हैं। इन FD में 5 साल की लॉक-इन अवधि होती है और आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत ₹1.5 लाख तक के निवेश पर कर कटौती का लाभ मिलता है। हालांकि, इन FD से मिलने वाला ब्याज अभी भी कर योग्य होता है।
  3. वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS): वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS) एक सरकारी समर्थित बचत योजना है जो विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों के लिए डिज़ाइन की गई है। यह FD की तुलना में उच्च ब्याज दर प्रदान करती है और इसमें ₹1.5 लाख तक के निवेश पर धारा 80C के तहत कर कटौती का लाभ भी मिलता है। SCSS से मिलने वाला ब्याज भी कर योग्य होता है, लेकिन FD की तुलना में इसमें कुछ अतिरिक्त लाभ हैं।
  4. डाकघर मासिक आय योजना (POMIS): डाकघर मासिक आय योजना (POMIS) वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक और लोकप्रिय विकल्प है। यह मासिक आय का एक नियमित स्रोत प्रदान करती है और इसमें एक निश्चित ब्याज दर होती है। POMIS से मिलने वाला ब्याज कर योग्य होता है, लेकिन इसमें TDS नहीं काटा जाता है।
  5. ब्याज आय को अन्य निवेशों में स्थानांतरित करना (Reinvestment of Interest Income): यदि आप ब्याज आय को तुरंत खर्च करने की योजना नहीं बना रहे हैं, तो आप इसे ऐसे निवेशों में स्थानांतरित करने पर विचार कर सकते हैं जो कर-कुशल हों या जिन पर कर नहीं लगता हो। उदाहरण के लिए, आप इक्विटी-लिंक्ड बचत योजनाओं (ELSS) में निवेश कर सकते हैं जो धारा 80C के तहत कर लाभ प्रदान करती हैं।
  6. आय को विभाजित करना (Income Splitting): यदि पति-पत्नी दोनों वरिष्ठ नागरिक हैं और उनकी व्यक्तिगत आय कर योग्य सीमा से कम है, तो वे संयुक्त रूप से फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश कर सकते हैं या अलग-अलग FD खोल सकते हैं। इससे उनकी व्यक्तिगत आय कम रहेगी और वे TDS से बच सकते हैं या कम कर का भुगतान कर सकते हैं।
  7. आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करना: भले ही आपका TDS कट गया हो, यदि आपकी कुल आय कर योग्य सीमा से कम है, तो आपको आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करना चाहिए। ITR दाखिल करके आप काटे गए TDS का रिफंड प्राप्त कर सकते हैं। यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि आप सही ITR फॉर्म का उपयोग करें और सभी आवश्यक जानकारी सही ढंग से भरें।

निष्कर्ष:

फिक्स्ड डिपॉजिट वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक उत्कृष्ट निवेश विकल्प है, लेकिन इसके कराधान पहलुओं को समझना महत्वपूर्ण है। जबकि FD ब्याज पर कर लगता है, वरिष्ठ नागरिक फॉर्म 15H जमा करके, कर-बचत निवेश विकल्पों का लाभ उठाकर, और अपनी वित्तीय योजना को समझदारी से प्रबंधित करके अपने कर बोझ को काफी कम कर सकते हैं या उससे पूरी तरह बच सकते हैं। हमेशा सलाह दी जाती है कि एक योग्य वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें ताकि आप अपनी व्यक्तिगत वित्तीय स्थिति के अनुसार सबसे उपयुक्त कर योजना बना सकें। नियमित रूप से आयकर कानूनों में होने वाले बदलावों से अवगत रहना भी महत्वपूर्ण है ताकि आप अपनी वित्तीय योजना को अद्यतन रख सकें।


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