घर खरीदना केवल एक सपना नहीं होता, यह एक वित्तीय जिम्मेदारी भी होती है।
अगर आपने या खरीदने जा रहे हैं होम लोन, तो आपको जानना चाहिए कि सेक्शन 24(b) के तहत आप हर साल ₹2 लाख तक की टैक्स छूट केवल ब्याज (Interest) पर प्राप्त कर सकते हैं।
यानि, EMI का केवल प्रिंसिपल नहीं, ब्याज भी टैक्स से राहत दिला सकता है।
🧾 सेक्शन 24(b) क्या है?
सेक्शन 24(b) इनकम टैक्स एक्ट की एक धारा है, जो होम लोन के ब्याज पर टैक्स छूट देती है।
श्रेणी | विवरण |
---|---|
धारा | Section 24(b) |
लाभ | होम लोन के ब्याज पर टैक्स छूट |
अधिकतम सीमा | ₹2,00,000 प्रति वर्ष (स्व-स्वामित्व वाली संपत्ति पर) |
किस पर लागू होता है | निर्माण या खरीद के बाद |
टैक्स छूट कब से | घर के कब्जे के बाद (Possession) |
📌 शर्तें और पात्रता
- घर स्व-स्वामित्व में हो (Self-occupied)
- लोन निर्माण / खरीद के लिए लिया गया हो
- निर्माण कार्य 5 साल के भीतर पूरा हो
- घर पर कब्जा (possession) मिल गया हो
- EMI में जो ब्याज अंश है उसी पर छूट मिलेगी
- अंडर-कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी पर लिमिट ₹30,000 होती है
🧮 उदाहरण से समझिए
अगर आपकी EMI ₹20,000 प्रति माह है, जिसमें
- ₹10,000 ब्याज है और
- ₹10,000 प्रिंसिपल है,
तो सालभर में ब्याज = ₹1,20,000
आप इस पूरी राशि को सेक्शन 24(b) के अंतर्गत टैक्स में छूट के रूप में क्लेम कर सकते हैं।
अगर ब्याज ₹2 लाख से अधिक हो गया, तो केवल ₹2 लाख तक की ही छूट मिलेगी।
🏡 सेक्शन 24(b) vs सेक्शन 80C
बिंदु | सेक्शन 24(b) | सेक्शन 80C |
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टैक्स छूट किस पर | ब्याज पर | प्रिंसिपल पर |
अधिकतम सीमा | ₹2,00,000 | ₹1,50,000 |
लागू कब होता है | घर मिलने के बाद | EMI शुरू होते ही |
क्या मिलकर क्लेम हो सकता है | हाँ, दोनों एक साथ क्लेम हो सकते हैं | हाँ |
👉 दोनों का उपयोग कर आप कुल ₹3.5 लाख तक टैक्स छूट पा सकते हैं।
➡️ हर महीने की जाने वाली EMI केवल खर्च नहीं है, वह टैक्स से राहत दिलाने वाला निवेश भी बन सकता है।
इसलिए, अगर आपने होम लोन लिया है या लेने की योजना बना रहे हैं, तो टैक्स प्लानिंग के इस शानदार विकल्प को नज़रअंदाज़ न करें।
थोड़ी सी समझदारी आज, कल आपको आर्थिक स्वतंत्रता दे सकती है।
🟢 याद रखें: समझदारी से लिया गया लोन, आपको बोझ नहीं बल्कि बचत का जरिया बन सकता है।