- निधन तिथि: शेफाली जरीवाला का निधन 27 जून 2025 को उनके मुंबई स्थित घर (ओशिवारा) पर हुआ। उनकी उम्र 42 वर्ष थी।
- उन्हें रात लगभग 9–10 बजे अचानक से तबियत खराब हुई—बीपी में गिरावट और कंपकंपी की शिकायत के बाद पति पाराग त्यागी और अन्य तीन लोग उन्हें तुरंत Bellevue Multispeciality Hospital ले गए, जहाँ उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
1. प्राथमिक कारण: हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट
- सभी प्रमुख मीडिया रिपोर्ट्स ने कार्डियक अरेस्ट को प्राथमिक मृत्यु कारण बताया है ।
- कार्डियक अरेस्ट में अचानक हृदय की विद्युत प्रणाली रुक जाती है—इसमें ब्लॉकज या क्लॉट की आवश्यकता नहीं होती, जो इसे हार्ट अटैक से अलग बनाता है ।
2. संभावित चिकित्सकीय भूमिका: एंटी‑एजिंग इंजेक्शन
- पुलिस और पुणे फोरेंसिक जांच कार्यालय की प्रारंभिक रिपोर्ट में संकेत हैं कि शेफाली कई वर्षों से नियमित रूप से एंटी‑एजिंग इंजेक्शन ले रही थीं, जो संभवतः रक्तचाप में गिरावट या हृदय की समस्या उत्पन्न कर सकता था ।
- विशेषकर मृत्यु के दिन उन्होंने किसी धार्मिक व्रत में भाग लिया और भूखे पेट ही इंजेक्शन लिया, जिससे चयापचय व BP में तेजी से बदलाव हुआ हो सकता है ।
3. पिछली सेहत स्थिति: एपिलेप्सी का इतिहास
- सार्वजनिक जानकारी और वीकिपीडिया के अनुसार, शेफाली जरीवाला को किशोरावस्था में एपिलेप्सी (मिर्गी) डायग्नोज किया गया था; लेकिन उन्होंने योग और दवा से इसे नियंत्रित किया था और लंबे समय से उनकी हालत सामान्य थी।
- लेकिन कुछ पुलिस सूत्रों ने इस न्यूरोलॉजिकल इतिहास का भी जिक्र किया है—हालांकि मित्रों ने स्पष्ट किया कि उनकी तबियत मौत से एक दिन पहले तक “एकदम ठीक” थी ।
4. फॉरेंसिक जांच: रुकावट नहीं, प्राकृतिक मौत
- पोस्टमॉर्टम अस्पताल (कूपर) और पुलिस के अनुसार, प्रारंभिक शरीर परीक्षण ने कोई बाहरी चोट, विष या ब्लॉकज का संकेत नहीं दिया ।
- यह रिपोर्ट बताती है कि यह “नेचुरल डेथ” की श्रेणी में आता है—कोई संदिग्ध कारण या गैर‑प्राकृतिक तत्व (जैसे आत्महत्या या हत्या) नहीं पाया गया है ।
5. आगे की जांच: रसायनशास्त्र और हिस्टोपैथोलॉजी
- फॉरेंसिक लैब में उनके रक्त और अंगों के उपयोगी नमूने भेजे गए हैं; अब टॉक्सिकोलॉजी (दवाओं मेंता जांच) और हिस्टोपैथोलॉजी (टिश्यू स्तर पर) रिपोर्ट का इंतजार है, जिससे इंजेक्शन और BP गिरावट के संबंध की पुष्टि हो सकेगी ।
- पुलिस ने भी स्पष्ट किया है कि क्लीन फाइंडिंग्स (जैसे कि कोई हिंसा या जहर नहीं मिला) ने “क्या हुआ?” सवाल पर चिकित्सा‑आधारित कारणों पर ध्यान केंद्रित कराया ।
6. समाज एवं स्वास्थ्य जागरूकता: मिडल‑एज महिलाओं में अचानक हृदय‑सम्बंधी मौत
- इस घटना ने सार्वजनिक रूप से स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ा दी है—विशेषकर महिलाओं में अचानक कार्डियक अरेस्ट की बढ़ती घटनाएं, जिनके संदिग्ध लक्षण भी कम होते हैं|
- विशेषज्ञों ने युवा‑मध्यम आयु वर्ग के लोगों के लिए नियमित जांच, BP नियंत्रण, बाहरी इंजेक्शन और सप्लीमेंट्स की सलाह से पहले चिकित्सक से सलाह पर जोर देने की सलाह दी है ।
निष्कर्ष
- कार्डियक अरेस्ट प्राथमिक कारण प्रतीत होता है, जिसकी पुष्टि पोस्टमार्टम से हुई।
- एंटी‑एजिंग इंजेक्शन, खासकर व्रत के दौरान लेने से, एक महत्वपूर्ण ट्रिगर साबित हो सकते हैं।
- एपिलेप्सी का इतिहास मौजूद जरूर है, लेकिन यह इस समय मुख्य स्त्रोत नहीं लगती।
- टॉक्सिकोलॉजी/हिस्टोलॉजी रिपोर्ट्स जल्द ही अंतिम निष्कर्ष बताएंगी—इससे इंजेक्शन‑निरोधक और BP‑गिरावट संबंध स्पष्ट होगा।
- चिकित्सा‑आधारित पहलुओं पर केंद्रित यह केस, समाज को हृदय स्वास्थ्य, गर्भवती महिलाओं/मध्यम आयु वर्ग और अनावश्यक इंजेक्शनों से सावधानी की आवश्यकता बताता है।
शेफाली जरीवाला का जाना न केवल उनके चाहने वालों और इंडस्ट्री के लिए एक दर्दनाक क्षण है, बल्कि यह घटना हमें स्वास्थ्य जागरूकता, मेडिकल सैफ्टी और अचानक स्वास्थ्य आपातकाल के प्रति सजग रहने की सीख भी देती है।