16 अरब से अधिक पासवर्ड लीक होने का मामला सामने आया है, यह अब तक के सबसे बड़े डेटा उल्लंघनों में से एक बताया जा रहा है, जिसने वैश्विक स्तर पर लाखों-करोड़ों उपयोगकर्ताओं को प्रभावित किया है।
प्रमुख भारतीय समाचार पत्रों ने इस घटना को अपनी रिपोर्टों में कवर किया है। इन सभी अखबारों की खबरों का सार निम्नलिखित है:
मुख्य बिंदु :
- बड़ा डेटा लीक: साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने 16 अरब से अधिक लॉगिन क्रेडेंशियल (उपयोगकर्ता नाम और पासवर्ड) के लीक होने का खुलासा किया है। इसे इंटरनेट के इतिहास में सबसे बड़े डेटा ब्रीच में से एक माना जा रहा है।
- प्रभावित प्लेटफॉर्म: इस लीक से Apple, Google, Facebook, Instagram, Gmail, Telegram, GitHub और कई सरकारी पोर्टलों सहित प्रमुख ऑनलाइन सेवाओं के उपयोगकर्ता प्रभावित हुए हैं।
- लीक का कारण: बताया जा रहा है कि यह लीक “इन्फोस्टीलर” नामक मैलवेयर के कारण हुआ है, जो चुपचाप उपयोगकर्ता नाम और पासवर्ड चुराकर हैकरों को भेजता है। इसके अलावा, पुराने डेटा उल्लंघनों और क्रेडेंशियल स्टफिंग हमलों से भी डेटा एकत्र किया गया है।
- पुराना या नया डेटा?: कुछ रिपोर्टों में यह स्पष्ट किया गया है कि यह डेटा पूरी तरह से नया ब्रीच नहीं है, बल्कि यह पिछले डेटा उल्लंघनों और इन्फोस्टीलर मैलवेयर द्वारा एकत्र किए गए क्रेडेंशियल्स का एक विशाल संकलन है। हालांकि, यह अभी भी बेहद खतरनाक है क्योंकि यह “मास एक्सप्लॉयटेशन” (बड़े पैमाने पर शोषण) का एक खाका तैयार करता है।
- जोखिम: लीक हुए डेटा से फिशिंग घोटाले, पहचान की चोरी, अकाउंट हैकिंग और अन्य साइबर अपराधों का खतरा बढ़ गया है।
- बचने के उपाय: साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने उपयोगकर्ताओं को तुरंत अपने सभी प्रमुख खातों के पासवर्ड बदलने, मजबूत और अद्वितीय पासवर्ड का उपयोग करने, टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) को सक्षम करने और पासवर्ड मैनेजर ऐप का उपयोग करने की सलाह दी है।
विशिष्ट जानकारी:
- गूगल क्रोम उपयोगकर्ताओं के लिए उच्च-जोखिम चेतावनी जारी की गई है, जिसमें निजी डेटा चोरी होने की आशंका जताई गई है।
- 16 अरब लॉगिन डिटेल्स की चोरी में Apple और गूगल के उपयोगकर्ताओं के लिए खतरा बताया गया है।
- Passport Seva Portal के बाधित होने का भी उल्लेख किया गया है, हालांकि यह सीधे डेटा ब्रीच से संबंधित नहीं है, लेकिन ऑनलाइन सेवाओं की सुरक्षा चिंताओं को दर्शाता है।
- इसने लीक को “सबसे बड़े डेटा चोरी” के मामलों में से एक बताया है, जिसमें Apple और Google सहित बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों पर असर पड़ा है।
- रिपोर्ट में बताया गया है कि हैकर्स ने लगभग 30 डेटासेट में सेंध लगाई है, और अधिकांश चुराया गया डेटा नया है।
- इसमें यह भी उल्लेख किया गया है कि गूगल का इस साल भारतीयों को 20,000 करोड़ रुपये के साइबर क्राइम से बचाने का लक्ष्य है।
- इसने 16 अरब लॉगिन डिटेल्स के लीक होने को “इतिहास के सबसे बड़े क्रेडेंशियल एक्सपोजर” में से एक बताया है।
- रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि यह एक नया ब्रीच नहीं है, बल्कि पुराने डेटा और इन्फोस्टीलर मैलवेयर से एकत्रित डेटा का संकलन है, फिर भी यह उपयोगकर्ताओं के लिए वास्तविक जोखिम प्रस्तुत करता है।
- इसमें उपयोगकर्ताओं को मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन सक्षम करने और पासवर्ड मैनेजर का उपयोग करने की सलाह पर जोर दिया गया है।
- द इकोनॉमिक टाइम्स की संबंधित रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि गूगल अपने उपयोगकर्ताओं को पासकी (passkeys) में अपग्रेड करने की सलाह दे रहा है ताकि बेहतर सुरक्षा मिल सके।
कुल मिलाकर, गूगल ट्रेंड्स पर “डेटा ब्रीच” का रुझान मुख्य रूप से 16 अरब से अधिक लॉगिन क्रेडेंशियल के विशाल लीक से संबंधित है, उपयोगकर्ताओं को सतर्क रहने और अपनी ऑनलाइन सुरक्षा बढ़ाने के लिए तत्काल कदम उठाने की सलाह दी है।