हीटस्ट्रोक (Heatstroke): यह गर्मी से संबंधित सबसे गंभीर स्थिति है। जब शरीर का तापमान 104°F (40°C) से ऊपर चला जाता है और शरीर पसीने के माध्यम से खुद को ठंडा करने में विफल रहता है, तो हीटस्ट्रोक हो सकता है। इसके लक्षणों में तेज़ सिरदर्द, चक्कर आना, भ्रम, तेज़ नाड़ी, और बेहोशी शामिल हैं। हीटस्ट्रोक एक मेडिकल इमरजेंसी है और तुरंत इलाज की आवश्यकता होती है।
हीट रैश (Heat Rash): यह त्वचा पर छोटे-छोटे लाल दानों के रूप में दिखाई देता है, जो अक्सर नमी और पसीने के जमा होने के कारण होता है। यह आमतौर पर गर्दन, छाती, कमर और जोड़ों के आसपास होता है और इसमें खुजली हो सकती है।
हीट क्रैम्प्स (Heat Cramps): ये मांसपेशियों में दर्दनाक ऐंठन होते हैं, जो आमतौर पर भारी व्यायाम या शारीरिक गतिविधि के दौरान और बाद में होते हैं। पसीने के माध्यम से शरीर से नमक और तरल पदार्थों की कमी इसका मुख्य कारण है।
हीट एग्जॉशन (Heat Exhaustion): यह हीटस्ट्रोक से कम गंभीर है, लेकिन अगर इसका इलाज न किया जाए तो यह हीटस्ट्रोक में बदल सकता है। इसके लक्षणों में अत्यधिक पसीना आना, कमजोरी, चक्कर आना, मतली, सिरदर्द और बेहोशी शामिल हैं।
डिहाइड्रेशन (Dehydration): गर्मी में शरीर से पसीने के रूप में बहुत अधिक तरल पदार्थ निकलता है, जिससे डिहाइड्रेशन हो सकता है। इसके लक्षणों में प्यास लगना, सूखा मुँह, गहरा पीला पेशाब, थकान और चक्कर आना शामिल हैं। गंभीर डिहाइड्रेशन से किडनी की समस्याएँ और अन्य जटिलताएँ हो सकती हैं।